Extranet क्या होता हैं इसके प्रकार, सीमाएं और यह कैसे काम करता हैं

नमस्कार दोस्तों आज की पोस्ट में हम Extranet की समस्त जानकारी पढ़ने वाले हैं तो इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िए।

पिछली पोस्ट में हमने Transformer की जानकारी शेयर की थी तो उस आर्टिकल को भी पढ़े।

चलिए आज हम Extranet की परिभाषा और प्रकार की जानकारी को पढ़ते और समझते हैं।

Extranet क्या होता है

एक्स्ट्रानेट (Extranet ) एक organization के इंट्रानेट का एक हिस्सा है. यह एक communication network है जो internet protocols (TCP/IP) पर आधारित है।

यह अपने trading partners, customers, और अन्य businesses को फर्म के इंट्रानेट तक controlled access प्रदान करता है तो यह एक private network है।

जो कंपनी के पूरे नेटवर्क तक access प्रदान किए बिना फर्म के बाहर authorized लोगों के साथ एक फर्म की आंतरिक जानकारी और संचालन को सुरक्षित रूप से साझा करता है।

इस नेटवर्क तक access के लिए उपयोगकर्ताओं के पास ID, password, और अन्य authentication mechanisms होना आवश्यक है।

Extranet का क्या अर्थ है

एक्स्ट्रानेट एक नियंत्रित निजी नेटवर्क (Managed Private Network) है जो ग्राहकों, भागीदारों, विक्रेताओं, आपूर्तिकर्ताओं और अन्य व्यवसायों को सूचना प्राप्त करने की अनुमति देता है।

आमतौर पर एक विशिष्ट कंपनी या शैक्षणिक संस्थान के बारे में, और ऐसा संगठन के पूरे नेटवर्क तक पहुंच प्रदान किए बिना करते हैं।

एक्स्ट्रानेट अक्सर एक वेबसाइट का एक निजी हिस्सा होता है। यह लॉगिन आईडी पर उपयोगकर्ता आईडी, पासवर्ड और अन्य प्रमाणीकरण तंत्र (Authentication mechanism) के माध्यम से उपयोगकर्ताओं का चयन करने के लिए प्रतिबंधित है।

एक एक्स्ट्रानेट को सार्वजनिक इंटरनेट या किसी अन्य निजी नेटवर्क पर इंट्रानेट मैप के रूप में देखा जा सकता है।

Extranet के प्रकार

एक्स्ट्रानेट किसी इंटरप्राइजेज और उनके सहयोगियों के लिए विभिन्न उद्देश्यों को पूरा कर सकता है। एक्सट्रानेट के कुछ प्रकार इस प्रकार हैं।

  1.  प्रोजेक्ट एक्स्ट्रानेट (Project extranets)
  2. लॉजिस्टिक एक्स्ट्रानेट (Logistic extranets)
  3. इंटीग्रेशन एक्स्ट्रानेट (Integration extranets)
  4. एम्प्लॉई इनफार्मेशन हब (Employee Information Hub)
  5. फाइनेंसियल डेटा एक्स्ट्रानेट (Financial data extranet)

1. प्रोजेक्ट एक्स्ट्रानेट (Project extranets)

जब कई अलग-अलग पार्टीज एक आगामी इवेंट में शामिल होते हैं, तो एक्स्ट्रानेट प्रोजेक्ट के प्रबंधन के लिए एक कुशल और उपयोगी साधन हो सकता है।

इसमें कंपनी के नेटवर्क की कितनी जानकारी शेयर करना है यह कस्टमाइज किया जा सकता है जिससे कंपनी की प्राइवेसी बानी रहती है।

2.  लॉजिस्टिक एक्स्ट्रानेट (Logistic extranets)

यह एक्स्ट्रानेट ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए होता है ये प्लेटफ़ॉर्म डिस्ट्रीब्यूटर्स को दूसरे डिस्ट्रीब्यूटर्स से कनेक्ट करके ग्राहकों तक पहुंचा सकते हैं और एक्सचेंज या संशोधन को आसान बनता है।

लॉजिस्टिक एक्स्ट्रानेट कम्पनीज को उपभोक्ता के अनुभव को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है ताकि ग्राहक अपने उत्पादों और सेवाओं पर आसानी से वास्तविक समय के अपडेट हासिल कर सकें।

3. इंटीग्रेशन एक्स्ट्रानेट (Integration extranets)

यह उत्पादों को ऑनलाइन बेचने वाले ब्रांडों के लिए उपयुक्त है।  एक इंटीग्रेशन एक्स्ट्रानेट इन्वेंट्री का ट्रैक रिकॉर्ड रखता है और इसे तुरंत अपडेट करता है।

इस डेटा का उपयोग स्टॉक लेने के उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है और यह सुनिश्चित करता है कि जानकारी कई संबंधित पार्टीज द्वारा आसानी से सुलभ हो सके।

4. एम्प्लॉई इनफार्मेशन हब (Employee Information Hub)

फ्रेंचाइजी और अन्य कम्पनिओं के कर्मचारिओं को जानकारी के प्रसार के लिए एक्स्ट्रानेट एक उपयोगी उपकरण हो सकता है।

5. फाइनेंसियल डेटा एक्स्ट्रानेट (Financial data extranet)

एक्स्ट्रानेट गोपनीय जानकारी साझा करने के लिए सबसे सुरक्षित तरीकों में से एक है, जो विशेष रूप से संवेदनशील सामग्री से निपटने के दौरान महत्वपूर्ण है, जिसमें वित्त भी शामिल है।

4.  एक्सट्रानेट की परिभाषा

लेकिन सामान्य तौर पर, कुछ संसाधन शब्द एक्सट्रानेट के अधिक परिशोधित स्पष्टीकरण प्रदान करते हैं। यह क्या है?

वास्तव में, यदि आप इसे देख रहे हैं, तो उसी तकनीक का उपयोग इंट्रानेट नेटवर्किंग के लिए किया जाता है, इसलिए एक्स्ट्रानेट नेटवर्क्स को बाहरी नेटवर्क से एक्सेस के साथ इंट्रानेट का एक विस्तारित संस्करण कॉल करने के लिए इच्छुक हैं, जिससे खाता प्राधिकरण लेते हैं।

5. एक्स्ट्रानेट कैसे काम करता है?

Extranet को Virtual Private Networks (VPN) के रूप में implement किया जाता है क्योंकि यह बाहरी लोगों को संगठन से जोड़ने के लिए इंटरनेट का उपयोग करता है जो कि इन्सिक्योर होता है इससे सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

इसलिए Virtual Private Networks (VPN) का उपयोग किया जाता है जो इंटरनेट जैसे सार्वजनिक नेटवर्क में एक सुरक्षित नेटवर्क प्रदान करता है।

Extranet में डेटा और इनफार्मेशन को शेयर या ट्रांसफर करने के लिए Transmission Control Protocol (TCP) और Internet protocol (IP) का उपयोग होता है |

यह Packets और IP addresses को encapsulate करने के लिए encryption key का उपयोग करती है।

पैकेट को केवल IPSEC कंप्लेंट राऊटर और सर्वर द्वारा की डिकोड किया जा सकता है।

VPN टनल के माध्यम से message को VPN पर भेजा जाता है और इस प्रक्रिया को Tunneling के रूप में जाना जाता है।

VPN, टीसीपी/आईपी प्रोटोकॉल में डेटा ट्रांसफर को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए Internet Protocol Security Architecture (IPSEC) प्रोटोकॉल का उपयोग करती है | इस परत को IP पैकेट को एक नए IP पैकेट में जोड़ करके बनाया गया है।

Extranet के लाभ

  1. यह कंपनी और उनके ट्रेंडिंग पार्टनर्स के बीच एक इंटरफेस के रूप में कार्य करती है | 
  2. यह कस्टमर को अपनी query और कम्प्लेन करने के लिए एक प्लेटफार्म प्रदान करती है जो कंपनी की कस्टमर सर्विस को इम्प्रूव करता है | 
  3. यह कंपनी को अपने पार्टनर्स के साथ बिना पेपरवर्क के जानकारी साझा करने की अनुमति प्रदान करता है
  4. इसके द्वारा हम लार्ज Amount में डाटा ट्रांसफर कर सकते है |
  5. इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज का उपयोग करके बड़ी मात्रा में डेटा का आदान-प्रदान करने की क्षमता
  6. व्यावसायिक भागीदारों के साथ उत्पाद डेटा या कैटलॉग साझा करना
  7. संयुक्त कंपनी सहयोग और प्रशिक्षण
  8. संबद्ध बैंकों के बीच ऑनलाइन बैंकिंग एप्लिकेशन जैसी सेवाएं साझा करना
  9. एक्स्ट्रानेट कंपनी और व्यापारिक हिस्सेदारों(Shareholders) के बीच एक माध्यम के रूप में कार्य करता है।
  10. एक्स्ट्रानेट ग्राहकों की शिकायतों और Questions को हल करने के लिए एक ओपन मंच प्रदान करता है, यह customer service में सुधार करने का काम करता है।
  11. एक्स्ट्रानेट business partners के साथ कागजी कार्यवाही की process में उलझे बिना information साझा करने में फर्म को सक्षम बनाता है।
  12. इसकी मदद से आप कुछ इनफार्मेशन थर्ड पार्टी को दे सकते है, हमारा कहने का मतलब Share कर सकते है।

Extranet के नुकसान

  1. इंट्रानेट, इन्टरनेट की तुलना में मंहगा होता है।
  2. Intranet पर कंट्रोल खोने का डर अक्सर बना रहता है।
  3. अगर इंट्रानेट में Firewall सही से इस्तेमाल ना किया जाए या फिर फ़ायरवॉल इनस्टॉल न किया जाए तो इससे इंट्रानेट हैक होने का खतरा बना रहता है।
  4. इंट्रानेट में कभी-कभी Data Duplication भी हो सकता है। जो कर्मचारियों के बीच कन्फूजन पैदा कर सकता है।

Extranet की सीमाएं

एक्स्ट्रानेट की सीमाएं निम्नलिखित और

  • Hosting
  • Security
  • Dependency
  • Less Interaction

1. Hosting

यदि आप एक्सट्रानेट के पेज और फाइल को अपने सर्वर में होस्ट करना चाहते है तो इसके लिए आपको high bandwidth इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता होती है जो कि काफी महंगी होती है।

2. Security

यदि आप इसे अपने सर्वर में होस्ट करते है तो इसके लिए एक्स्ट्रा फ़ायरवॉल सिक्योरिटी की आवश्यकता होगी जो वर्कलोड को बढ़ा देगा तथा security mechanism काफी काम्प्लेक्स हो जायेगा।

3. Dependency

यह इंटरनेट पर डिपेंड करता है क्योकि बाहर के लोग बिना इंटरनेट के इसको एक्सेस नहीं कर सकते। 

4. Less Interaction

यह लोगो के बिच face to face को कम कर देता है जिससे आपसी रिलेशनशिप कमजोर हो जाती है।

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MOSFET की परिभाषाVaristor की परिभाषा

उम्मीद हैं आपको Extranet की जानकारी पसंद आयी होगी।

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