Varistor क्या हैं इसके प्रकार एवं कार्य

हेलो दोस्तो, इस आर्टिकल में हम आपको बतायेगे की Varistor क्या होता हैं यह कैसे काम करता हैं यहाँ आपको Varistor की समस्त जानकारी मिलेगी, तो आप आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें।

Varistor क्या होता है

Varistor दो टर्मिनल वाला इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस होता है। जो इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को ओवर वॉल्टेज ट्रांजिस्टर से बचाता है। इस डिवाइस के अंदर का रेजिस्टेंस आरोपित किये गए इनपुट वोल्टेज पर निर्भर करता है। 

Varistor दो शब्द Variable और Resistor से मिलकर बना हैं मतलब यह एक ऐसा रेसिस्टर होता हैं जिसका रेजिस्टेंस बदलता रहता है। 

Varistor का प्रतिरोध आरोपित इनपुट वोल्टेज के अनुसार बदलता रहता है। इसलिए इसे Voltage Dependent Resistor (VDR) भी कहा जाता है। जिस इलेक्ट्रिक डिवाइस को हाई वोल्टेज से सुरक्षा प्रदान करता है उसके Parallel में Varistor को जोड़ते है।

Varistor के प्रकार 

Varistor दो प्रकार के होते हैं

  1. Silicon Carbide Varistor
  2. Metal Oxide Varistor

1. Silicon Carbide Varistor 

सिलिकॉन कार्बाइड बैरिस्टर कि इसके बाहरी body को बनाने के लिए सिलिकॉन कार्बाइड का उपयोग किया जाता है। इस Varistor का उपयोग हाई वोल्टेज वाले डिवाइस की सुरक्षा के लिए बड़े स्तर पर किया जाता है।

इस Varistor में एक कमी यह है की जब इसे इलेक्ट्रिक सर्किट से जोड़ा जाता है तब यह बहुत ही ज्यादा इलेक्ट्रिक करंट को खीचता है।

इससे ज्यादा गर्म एनर्जी उत्पन्न होती हैं और Varistor गर्म हो जाता है। जिससे बहुत ज्यादा इलेक्ट्रिक एनर्जी का नुकसान होता हैं। 

2. Metal Oxide Varistor 

सिलिकॉन कार्बाइड में उत्पन्न कमी को देखते हुए मेटल ऑक्साइड Varistor को बनाया गया। यह इलेक्ट्रिकल डिवाइस को transient वोल्टेज से बढ़िया सुरक्षा प्रदान करता है

और आज के समय में बहुत ही ज्यादा मात्रा में उपयोग किया जा रहा है। इस Varistor के body को धातु के ऑक्साइड से बनाया जाता है।

 इसके लिए मुख्य रूप से जिंक ऑक्साइड का उपयोग किया जाता है। इसको बनाने के लिए 90 प्रतिशत जिंक ऑक्साइड तथा 10 प्रतिशत दुसरे धातु (बिस्मथ ,मैगनीज कोबाल्ट)आदि के मिश्रण का उपयोग किया जाता है। 

10 प्रतिशत मिलाए गए दुसरे मिश्रण जिंक ऑक्साइड में Binding का कार्य करते है। धातुओ के इस ऑक्साइड मिश्रण को दो दुसरे धातुयिक प्लेट के बीच में डाल दिया जाता है। 

इन दोनों धातु की प्लेट को पतले वायर से जोड़ कर बाहर निकाल दिया जाता है। जो इसके टर्मिनल कहलाते हैं।

Varistor कार्य कैसे करता है

varistor एक हाई पॉवर इलेक्ट्रॉनिक्स कॉम्पोनेन्ट है।

जब Varistor के दोनों टर्मिनल के बीच आरोपित वोल्टेज का मान कम होता है उस समय उसका प्रतिरोध अधिक होता है जिससे कोई भी इलेक्ट्रिक करंट नही बहता हैं।

लेकिन जैसे ही आरोपित वोल्टेज का मान बढ़ता जाता हैं तब Varistor का प्रतिरोध कम होता जाता है। एक निश्चित वोल्टेज के बाद Varistor का प्रतिरोध बहुत कम हो जाता है जिससे Varistor से इलेक्ट्रिक करंट बहने लगती है। 

जिस डिवाइस को अधिक वोल्टेज से बचाना होता हैं उसके दोनों टर्मिनल के समांतर में varistor को जोड़ दिया जाता हैं।

जब इलेक्ट्रिक डिवाइस पर उच्च वोल्टेज आरोपित होता है तब Varistor का प्रतिरोध कम हो जाता है जिससे flow होने वाली इलेक्ट्रिक करंट डिवाइस में जाने की बजाय Varistor से flow होने लगती है और डिवाइस जलने से बच जाता है।

V-I Characteristics 

यहां, जैसा कि हम देख रहे हैं कि क्लैम्पिंग तक वोल्टेज तक पहुँच जाता है, डिवाइस नॉन संचालित स्थिति में रहता है। इस प्रकार हम वोल्टेज और करंट के बीच एक लिनियर संबंध देख सकते हैं। इस समय बहुत कम मात्रा में लीकेज करंट इसके माध्यम से दिए गए उच्च प्रतिरोध के कारण बहता है।

इस विशेष वोल्टेज स्तर के बाद, कंडक्टरों द्वारा राज्य का संचालन किया जाता है। इस प्रकार हम देख सकते हैं कि प्रतिरोध बहुत कम हो गया है और Rated वोल्टेज के बाद  भी करंट इसके माध्यम से Flow हो रही है।

Varistor को कैसे चेक करें

Step 1# Varistor को मल्टीमीटर से चेक करने के लिए सबसे पहले मल्टीमीटर को continuity मोड पर सेट कर ले।

अब मल्टीमीटर की दोनों प्रोब को varistor के दोनों टर्मिनल पर पैरेलल में लगा दे।

आपका varistor ठीक होगा तो मल्टीमीटर में कोई भी बीप की आवाज नही आएगी।

और अगर आपका varistor खराब होगा को बीप की आबाज आएगी 

Step 2# Varistor को मल्टीमीटर से चेक करने के लिए सबसे पहले मल्टीमीटर को ओम के या रेजिस्टेंस के सिंबल पर सेट कर ले।

अब मल्टीमीटर की दोनों प्रोब को varistor के दोनों टर्मिनल पर पैरेलल में लगा दे।

अब आप मल्टीमीटर में देखे अगर मल्टीमीटर में OL आ रहा हैं तो यह ओपन हैं।

या फिर रेसिस्टेन्स की कुछ value आ रही हैं तो बो value mega ओम या k ओम में आती हैं इससे कम नहीं आएगी इसका मतलब की यह एक नॉर्मल सर्किट की तरह काम कर रहा हैं।

अगर यह शॉट हैं या खराब हैं तो मल्टीमीटर में 0 ओम दिखायेगा।

Varistor के अनुप्रयोग

यह माइक्रोप्रोसेसर और बिजली आपूर्ति सुरक्षा में संचार लाइन संरक्षण के रूप में उपकरणों की सुरक्षा में व्यापक अनुप्रयोगों को दर्शाता है। एसी सुरक्षा और केबल टीवी वृद्धि संरक्षण आदि में।

Varistor के लाभ 

  1. यह उच्च वोल्टेज में भी सुरक्षा प्रदान करता है। 
  2. यह Polarized नहीं होती है। इसके दोनों टर्मिनल में इलेक्ट्रिक करंट बह सकता हैं। 

Varistor के हानि 

  1. यह एक महंगा इलेक्ट्रिक डिवाइस होता है। 
  2. इसका उपयोग हाई वोल्टेज में किया जाता है।

उम्मीद हैं आपको Varistor की जानकारी पसंद आयी होगी।

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