Motor क्या हैं इसके प्रकार, फायदे और नुकसान

हैलो दोस्तो आज के पोस्ट में हम पढेगे की Motor क्या है एवं मोटर कितने प्रकार के होते है तो आप पोस्ट को पूरा जरूर पढ़े।

Motor क्या हैं 

मोटर एक Electro-Mechanical Machine है जो Electrical Energy को मैकेनिकल एनर्जी में Convert करती है।

मोटर को भौतिक रूप से समझाने के लिए, प्रसिद्ध “फ्लेमिंग के बाएं हाथ का नियम” एक अच्छा तरीका है, जब दो चुम्बकों के एक दूसरे के विपरीत रखे हो तो, यह बल उत्पन्न करता है।

जब विद्युत तार से विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है, तो यह चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है। चुंबकीय क्षेत्र चुंबक से चुंबकीय क्षेत्र को आकर्षित या पीछे हटाता है।

जिस से विद्युत तार को स्थानांतरित करने के लिए बल उत्पन्न करता है। और रोटर घूमने लगता है। जिसे हम Rotating Rnergy या Mechanical Energy कहते है।

मोटर का कार्य सिद्धांत

जब स्टेटर को सप्लाई दिया जाता है स्टेटर वाइंडिंग में मैग्नेटिक फ्लक्स उत्पन्न हो जाती है यह मैग्नेटिक फ्लक्स रोटर के साथ लिंक हो जाता है और उसकी वजह से रोटर घूमने लगता है। इसी तरह में इलेक्ट्रीकल उर्जा मैकेनिकल उर्जा में रूपांतरित हो जाती है।

मोटर के प्रकार

हम सब जानते है की मोटर दो प्रकार के होते हैं। AC मोटर और DC मोटर लेकिन मोटर मुख्यतः तीन प्रकार के होते है।

  • Ac motor
  • Dc motor
  • Special motor

1. AC Motor

जैसा की इसके नाम से ही पता चल रहा है कि वह सभी मोटर जो AC supply से चलती है Ac मोटर कहलाती हैं।

AC motor दो प्रकार की होती है।

  • सिंक्रोनस मोटर (synchronous motor)
  • असिंक्रोनस मोटर् (asynchronous motor)

(a). Synchronous Motor

वह मोटर है जो electrical energy को mechanical energy मे convert करता है, और synchronous speed से चलता है, synchronous motor कहलाती है।

Synchronous Motor का कार्य

जब सिंक्रोनस मोटर को Supply दी जाती है, तो एक revolving field स्थापित किया जाता है। यह क्षेत्र रोटर को अपने साथ खींचने की कोशिश करता है, लेकिन रोटर inertia के कारण ऐसा नहीं कर सका। इसलिए, कोई starting torque उत्पन्न नहीं होता है। इसलिए सिंक्रोनस मोटर एक सेल्फ starting मोटर नहीं है।

(b). Asynchronous Motor

असिंक्रोनस मोटर (asynchronous motor) को induction motor भी कहा जाता है ।

इलेक्ट्रॉमैगनेटिक induction पहनमनों का उपयोग करके electrical energy को Mechanical energy में परिवर्तित करती है। अस्यंचरनस मोटर कहलाती है। जिसे इंडक्शन मोटर भी कहा जाता है।

2. DC Motor

दोस्तो सभी DC मोटर को DC current या direct current द्वारा संचालित किया जाता है। इसलिए इसे DC motor कहा जाता है।

अर्थात DC मोटर के input के रूप में DC सप्लाई दिया जाता है और output मे मैकेनिकल ऊर्जा मिलती है जो हमलोग अपने कार्य में उपयोग करते है जिससे हमारा समय और मेहनत की बचत होती है।

DC मोटर कितने प्रकार के होते है।

DC मोटर को मुख्यत: दो भागो में बांटा जाता है।

  • Brushed DC motor
  • Brushless DC motor

(a). Brushed DC motor 

Brushed DC Motor मे Brush का उपयोग किया जाता है इसके साथ साथ commutator और stator एवं rotor का उपयोग भी किया जाता है।

(b). Brushless DC motor 

ब्रशलेस DC मोटर मे कॉम्युटेशन के लिए ब्रश का उपयोग नहीं किया जाता है बल्कि इसमें कॉम्युटेशन के लिए इन्वर्टर और स्विचिंग पावर सप्लाई द्वारा किया जाता है।

Brushed DC मोटर कितने प्रकार की होती है ?

Brushed DC Motor को मुख्यत: तीन भागो में बांटा गया है।

  • Separately Excited DC motor
  • Self Excited DC motor
  • Permanent Magnetic DC Motor
(a). Separately Excited DC motor

इस प्रकार के मोटर को Separately Excited DC motor इसलिए कहा जाता है क्यूंकि इसकी field coil और armature coil को Separately सप्लाई दिया जाता है उत्तेजित(excited ) करने के लिए।

(b). Self Excited DC motor

Self Excited DC motor के field winding को बाहर से अतिरिक्त सप्लाई की जरूरत नहीं होती है । इस प्रकार की मोटर के आर्मेचर winding को प्राप्त सप्लाई द्वारा ही field winding को भी excited किया जाता है इसलिए इसे self Excited DC मोटर कहा जाता है।

Self Excited DC मोटर कितने प्रकार की होती है?

  • DC Shunt motor
  • DC Series motor
  • Compound motor

(i). DC Shunt Motor :- इस प्रकार की मोटर की field winding को armature winding के साथ समानांतर में कनेक्शन किया जाता है जिसे armature और field winding का shunt करना भी कहा जाता है।

(ii). DC Series Motor :- इस प्रकार की मोटर की field winding और armature winding को series मे कनेक्शन किया जाता है इसलिए इसे DC series मोटर कहा जाता है।

(iii). Compound Motor :- DC कंपाउंड मोटर का इस्तेमाल बहुत कम ही जगह पर होता है। इसका उपयोग स्टंपिंग मशीन मे कही कही & कही कही पर रोलिंग मशीन मे भी डीसी कंपाउंड मोटर का उपयोग होता है।

(c). Permanent Magnetic DC Motor

Permanent Magnetic DC मोटर मे Magnetic Field Flux उत्पन्न करने के लिए field winding के स्थान पर Permanent Magnetic का उपयोग किया जाता है।

इसमें field winding की जरूरत भी नहीं होती है। इसलिए इस प्रकार के मोटर को Permanent Magnetic DC मोटर कहा जाता है।

3. Special मोटर 

ऐसे मोटर जिनका उपयोग एक विशेष काम को करने के लिये बनाया जाता है । Special motor कहलाते है।

उदाहरण :- Manufacturing industry में अधिकतर मशीनें रोबोटिक होती हैं जिनका कार्य अलग अलग होता है।

अगर हम कोल्ड्रिंग बनाने वाली कंपनी की बात करे तो उस कंपनी में कुछ मशीनें बोतल लेकर आती हैं तो कुछ मशीनें कोल्ड्रिंग भरती हैं, कुछ machines बोतल की cap लगाती हैं तो कुछ मशीनें बोतल की counting करती हैं ।

मोटर के उपयोग 

आजकल कोई ऐसा मशीन चाहे वह घरेलू मशीन हो कृषि में उपयोग होने वाला मशीन हो यह सारे मशीन में मोटर जरूर लगा रहता हैं। जिससे कि हमारा काम बहुत ही आसानी से हो जाता हैं।

आज कल शायद ही कोई ऐसा मशीन होगा जिसमें की मोटर नहीं लगा होगा। इससे औद्योगिक विकास भी बहुत हो रहा हैं। कृषि से जुड़े कई काम हैं जैसे कि खेतों में पानी देने के लिए मशीन बने हैं उसमें भी मोटर लगा रहता हैं।

फसल का कटाई हो रहा हैं मशीन से ही हो रहा हैं। खेतों में अगर बीज डालना हैं उसके लिए भी मशीन हैं। इन सारे मशीनों में इलेक्ट्रिक मोटर जरूर लगा रहता हैं। घरेलू उपकरण भी कई ऐसे हैं जिससे कि काम आसान हो जाता हैं। पहले कोई भी काम करने के लिए कपड़ा धोने के लिए मेहनत होता था।

जब गर्मी होने लगता था तो हाथ का पंखा रहता था। लेकिन आजकल इलेक्ट्रिक मोटर की वजह से सारे काम आसान हो गए हैं। जैसे कि पंखा, एसी, वाशिंग मशीन, कूलर, ब्‍लोवर, मिक्सी और कई ऐसे घरेलू उपकरण हैं। जिसमें की मोटर लगा रहता हैं। आजकल तो कार भी मोटर के सहायता से चलाया जा रहा हैं।

मोटर कैसे काम करती है

मोटर में दो मुख्य हिस्से होते है।

  • Stator (स्टेटर)
  • Rotor (रोटर)

मोटर के निम्न प्रकार होते हे उसके हिसाब से उनमे अलग और पार्ट्स लगते है लेकिन स्टेटर और रोटर मुख्य पुर्जे है।

जैसे की नाम से ही पता चल रहा है की स्टेटर स्थायी रहता है और रोटर हमेशा घूमता है। इलेक्ट्रीकल सप्लाई को स्टेटर वाइंडिंग में जोड़ देते है।

मोटर के फायदे

  1. इलेक्ट्रिकल मोटर की कार्यक्षमता ज्यादा होती है।
  2. इस मोटर में किसी प्रकार के तरल ईंधन की जरुरत नहीं होती है।
  3. इस मोटर से प्रदुषण नहीं होता है।
  4. मोटर के लिए ज्यादा देखभाल करने की जरुरत नहीं होती है।
  5. इलेक्ट्रिकल मोटर बोहोत ज्यादा ठण्ड में भी जमती नहीं है और अच्छे से काम करती रहती है।
  6. इस मोटर का सुरुवाती मूल्य कम होता है।
  7. मोटर में कम हिलने वाले हिस्से याने मूविंग पार्ट होते है उसकी वजह से मोटर के काम करने का कार्यकाल लम्बा होता है साथी साथ यह मोटर मजबूत होती है।

मोटर के नुकसान

  1. सिंगल फेज मोटर सेल्फ स्टार्टिंग नहीं होती है।
  2. जंहा पर ज्यादा स्टार्टिंग टार्क की जरुरत होती है वहा पर इस तरह के मोटर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
  3. अगर dc मोटर है तो उसके ब्रश को कुछ समय के बाद बदलना पड़ता है।

मोटर का इस्तेमाल

इंडस्ट्रीज में, घरेलु उपकरणों में, लेथ मशीन में, ग्राइंडर, खिलोनो में, मशीन टूल्स में, ड्रिलिंग मशीन में,ट्रैन, कन्वेयर, लिफ्ट में, पम्पस में।

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आशा है कि आपने मोटर की पोस्ट पूरी पढ़ ली होगी पोस्ट पसंद आई हो तो दोस्तो के साथ भी शेयर करे।

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