Electric Current किसे कहते है इसके प्रकार

नमसकार दोस्तो आज की इस पोस्ट में हम Electric Current के बारे में पढेगे तो इस पोस्ट तो पूरा जरूर पढ़े।

पिछले पेज पर हमने Active और Passive Component की जानकारी शेयर की थी तो उस आर्टिकल को भी पढ़े।

चलिए आज की इस पोस्ट में हम Electric Current की समस्त जानकारी पढ़ते और समझते हैं।

Electric Current किसे कहते है 

किसी भी Circuit या Conductor में Charge के Flows को विद्युत धारा (Electric Current) कहते हैं।

विद्युत धारा को I से दर्शाते है।

किसी चालक में Electrons के प्रवाह की दर को विद्युत धारा कहते है, या किसी परिपथ या सर्किट में आवेश प्रवाह की दर को विद्युत धारा कहते है।

अधिकांश धातुओं के परमाणुओं की अन्तिम कक्षा में केवल एक या दो electrons ही होते हैं और नाभिक से दूर होने के कारण इनमें नाभिक के प्रति आकर्षण बल का मान काफी कम होता है।

अतः ऐसे तत्वों के परमाणुओं में से कुछ बल लगाकर जैसे- विद्युत वाहक बल लगाकर electrons को गतिमान किया जा सकता है।

ऐसे electrons एक परमाणु से दूसरे परमाणु में होते हुए उस तत्व के टुकड़े के आरपार प्रवाहित किए सकते हैं। इस प्रकार किसी तत्व का पदार्थ में से electrons का प्रवाह विद्युत धारा कहलाता है।

विद्युत धारा का सूत्र 

विद्युत धारा = आवेश/समय

I = Q/T

Q = lT

विद्युत आवेश क्या है 

किसी पदार्थ का वह गुण जिसके कारण वस्तुएं विद्युत बल (electric force) आरोपित करते हैं विद्युत आवेश (electric charge) कहलाता है।

यह दो प्रकार का होता है

1. Positive charge (धनात्मक आवेश) :- इलेक्ट्रॉनों की कमी है तो धनात्मक आवेशित कहलाता है।

2. Negative charge (ऋणात्मक आवेश) :- इलेक्ट्रॉनों की अधिकता/बहुलता (excess/multiplicity) है तो ऋणात्मक आवेश कहलाता है।

विद्युत धारा का मात्रक 

S.I पद्धति में विद्युत धारा का मात्रक एम्पियर (Ampere) है। इसका चिन्ह I है इसको एम्पियर मीटर या एम्पियर से नापी जाती है।

विद्युत धारा(I) = विद्युत आवेश(Q)/समय(t)

अतः किसी परिपथ में एक सेकंड में एक कूलाम आवेश प्रवाहित हो तो परिपथ में प्रवाहित विद्युत धारा का मान 1 एंपियर होता है। 

विद्युत धारा की विमा 

धारा की विमा = चूँकि यह मूल राशि है इसलिए इसकी विमा A1 होती है।

विद्युत धारा की दिशा 

प्रारम्भिक अवधारणा (conventional Concept) के अनुसार विद्युत धारा की दिशा Positive वस्तु से Negative वस्तु की ओर होती है परन्तु इलैक्ट्रॉन्स की खोज एवं परमाणु संरचना मिलने के बाद यह समझ आया कि जिस वस्तु के परमाणु कुछ इलैक्ट्रॉन्स त्याग देते हैं, वह वस्तु धनावेशित (positively charged) कहलाती है।

इसी प्रकार, जिस वस्तु के परमाणु कुछ इलैक्ट्रॉन्स ग्रहण कर लेते हैं वह वस्तु ऋणावेशित (negatively charged) वस्तु कहलाती है 

अर्थात् मुक्त इलैक्ट्रॉन्स की बहुलता वाली वस्तु ऋणावेशित एवं इनकी कमी वाली वस्तु, धनावेशित वस्तु होती है जिस वस्तु के पास मुक्त इलैक्ट्रॉन्स की बहुलता है, वही दूसरी मुक्त इलैक्ट्रॉन्स की कमी वाली वस्तु को मुक्त इलैक्ट्रॉन्स दे सका है। अतः इलैक्ट्रॉन्स के बहाव की दिशा ऋण वस्तु से धन वस्तु की ओर होती है।

अतः हम कहे तो धन आवेश का प्रवाह उच्च विभव से निम्न विभव की ओर होता है तथा धारा का प्रवाह भी उच्च विभव से निम्न विभव की ओर होता है अतः हम कह सकते है की धन आवेश तथा धारा की दिशा एक ही होती है धन वस्तु के ऋण वस्तु की ओर।

ऋण आवेश का प्रवाह निम्न विभव से उच्च विभव की ओर होता है। अतः कह सकते है की ऋण आवेश (इलेक्ट्रॉन) का प्रवाह धारा की दिशा के विपरीत होता है।

Electric Current के प्रकार 

विद्युत धारा दो प्रकार की होती हैं।

  • Direct Current (दिष्ट धारा)
  • Alternating Current (प्रत्यावर्ती धारा)

1. Direct Current (दिष्ट धारा)

Direct Current वह करंट है जो हमेशा एक दिशा में बहती है। इसे लगातार या एक ही दिशा में बहने वाली (Unidirectional) करंट भी कहते हैं। इसे (DC) द्वारा प्रदर्शित करते हैं।

इस तरह की करंट का निर्माण cells, batteries DC generators, DC rectifiers इत्यादि से किया जाता है। इसे बैटरी को चार्ज करने, इलैक्ट्रोप्लेटिंग (electroplating) के कार्य इत्यादि के लिए प्रयोग किया जाता है।

जिस विद्युत धारा का मान एवं दिशा एक नियत दर पर परिवर्तित होते हैं उसे प्रत्यावर्ती धारा या AC विधुत धारा कहते है। 

दिष्ट धारा के प्रकार

यह तीन प्रकार की होती है 

  • sine wave (ज्यातंरग), 
  • square wave (वर्गाकार तरंग), 
  • sawtooth wave, (आरी अथवा हेक्सा के दातों के समान तंरग)

2. Alternating Current (प्रत्यावर्ती धारा)

Alternating Current वह करंट है जिसका मान और दिशा समयानुसार बदलते रहते हैं। यह AC द्वारा दर्शायी जाती है। यह करंट एक दिशा में शून्य से अधिकतम (Maximum) मान तक बढ़ती है।

और फिर उसी दिशा में शून्य तक घट जाती है और फिर दोबारा विपरीत दिशा में शून्य से अधिकतम मान की ओर बढ़ती है और फिर उसी दिशा में शून्य तक घट जाती है।

जिस विद्युत धारा का मान एवं दिशा नियत रहते हैं उसे दिष्ट या DC धारा कहते है। 

प्रत्यावर्ती धारा के प्रकार

यह तीन प्रकार की होती है- 

  • pure (शुद्ध),
  • variable (परिवर्तनीय), 
  • resonant (अनुनादी) (pulsating)

एम्पियर की परिभाषा क्या है 

यह धारा की इकाई है। विद्युत परिपथ में 1 कूलॉम आवेश 1 सेकण्ड में प्रवाहित होता है तो उस परिपथ में विद्युत धारा का मान 1 एम्पीयर है।

अर्थात यदि किसी चालक तार में 1 एंपियर की विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है तो इसका मतलब है, कि उस तार में प्रति सेकेंड 6.25×1018 इलेक्ट्रॉन एक सिरे से प्रविष्ट होते हैं उतने ही इलेक्ट्रॉन प्रति सेकेंड दूसरे सिरे से बाहर निकल जाते हैं।

विद्युत धारा की चाल क्या है

विद्युत की चाल प्रकाश की चाल के बराबर होती है अर्थात 3×108 मीटर प्रति सेकंड होती है।

Fixed electricity / constant current

विधुत का यह रूप मानव उपयोग से दूर है, इस विधुत को काम में लेना सम्भव नही है 

Fixed electricity / constant current (अचल विधुत / स्थिर धारा) उदाहरण – आकाशीय बिजली द्वारा उत्पन्न उर्जा, कंघी पर कागज के टुकड़े का चिपकना आदि अचल धारा के रूप है। अचल विधुत / स्थिर धारा में इलेक्ट्रोन संख्या कम या ज्यादा हो सकती है।

विद्युत धारा की दिशा ?

किसी चालक में विद्युत धारा की दिशा उसमें प्रवाहित होने वाले positive charge की दिशा में होती है अर्थात विद्युत धारा positive charge से negative charge की ओर flows होती है

यह इलेक्ट्रॉन के प्रवाह की दिशा के विपरीत दिशा में होती है। Electrons ऋणात्मक आवेश से धनात्मक आवेश की और प्रवाह (flow) होते है।

विद्युत धारा के प्रभाव 

विद्युत धारा के प्रमुख पांच प्रभाव है।

1. Thermal effect (उष्मीय प्रभाव)

2. Magnetic effect (चुंबकीय प्रभाव)

3. beam effect (किरण प्रभाव)

4. Chemical Effects (रासायनिक प्रभाव)

5. Gas Ionization Effects (गैस आयनीकरण प्रभाव)

विद्युत धारा कैसी राशि है

विद्युत धारा एक अदिश राशि है एक विद्युत धारा में दिशा और परिणाम होने के बाद भी यह अदिश राशि है, क्योंकि यह योग के नियम की पालना नहीं करता है अतः विद्युत धारा एक अदिश राशि है।

विद्युत धारा का घनत्व

किसी चालक में किसी बिंदु पर एकांक क्षेत्रफल से अभिलम्बवत गुजरने वाली विद्युत धारा को उस बिंदु पर धारा घनत्व (Current density) कहते है 

धारा घनत्व को J से प्रदर्शित करते है।

यदि चालक में प्रवाहित धारा I तथा क्षेत्रफल A हो तो –

Current density J = I/A

धारा घनत्व एक सदिश राशि है।

धारा घनत्व का मात्रक :- धारा घनत्व का मात्रक (unit) ampere per meter square होता है |

धारा घनत्व की विमा j = [AL⁻²] होती है।

विद्युत धारा की तीव्रता

जब कोई विद्युत आवेश किसी चालक में प्रवाहित (flows) होता है तो उसके प्रवाह की समय – दर को विद्युत धारा की तीव्रता कहते हैं।

इसका मान किसी चालक के अनुप्रस्थ काट से per second प्रवाहित होने वाले आवेश के बराबर होता है।

विद्युत धारा का मापन

Electric Current को मापने के लिए जिस यंत्र (instrument) का उपयोग करते है उसे अमीटर या एम्पीयर मीटर (ammeter or ampere meter) कहते है

अमीटर के connected को श्रेणी क्रम (series) में इस प्रकार जोड़ते है कि अमीटर के पॉजिटिव टर्मिनल संबंध सदैव सेल अथवा बैटरी के पॉजिटिव टर्मिनल से जुड़ा हो।

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