Secondary Memory क्या हैं

हैलो दोस्तों आज हम बात करेंगे Secondary memory के बारे में इस post में आपको secondary memory के बारे में पूरी जानकारी विस्तार से सरल भाषा में जानने को मिलेगी और आपको सेकेंडरी मेमोरी क्या है?, सेकेंडरी मैमोरी के प्रकार और सेकेंडरी मैमोरी के कार्य के बारें में अच्छे से जानने को मिलेगा तो आप पोस्ट को पूरा जरूर पढ़े।

  1. सेकेंडरी मेमोरी क्या और
  2. Secondary memory का कार्य (work of secondary memory in hindi)
  3. सेकेंडरी मेमोरी के प्रकार (types of secondary memory in hindi)
  4. विभिन्न प्रकार के सेकंडरी स्टोरेज डिवाइस (Different Types of Secondary Storage In Hindi)
  5. सेकेंडरी मेमोरी की विशेषताएं (Feature of Secondary Memory in hindi)
  6. Secondary memory के फ़ायदे (benefits of secondary memory)
  7. सेकेंडरी मेमोरी के नुकसान (Disadvantage of Secondary Memory in Hindi)
  8. Price list of secondary memory

सेकेंडरी मेमोरी क्या है? (What is Secondary Memory)

Secondary Memory, कंप्यूटर की Secondary Storage Device है जिसको कंप्यूटर में प्रोग्राम तथा प्रोग्राम के execution से प्राप्त आउटपुट को Permanent स्टोर करने के लिए किया जाता है | सेकेंडरी मेमोरी एक non-volatile मेमोरी है जिसमे स्टोर सभी डेटा और इनफार्मेशन कंप्यूटर के बंद होने के बाद भी कंप्यूटर में सेव रहता है।

यह प्राइमरी मेमोरी की तरह CPU द्वारा सीधे एक्सेस नहीं होता | सेकेंडरी मेमोरी के डेटा को सबसे पहले रैम (रैंडम एक्सेस मेमोरी) or Primary Memory में लोड किया जाता है और फिर Primary Memory से प्रोसेसर (CPU) को डेटा पढ़ने और अपडेट करने के लिए भेजा जाता है।

सेकंडरी मेमोरी एक Permanent Storage Memory है जो प्राइमरी मेमोरी की तुलना में काफी स्लो और सस्ती होती है | 

सेकेंडरी मेमोरी को External memory or Auxiliary storage के रूप में भी जाना जाता है जिसके अंदर gigabytes और terabytes में डाटा स्टोर किया जा सकता है। 

इसे Backup Storage या Mass Storage Media भी कहा जाता है

सेकेंडरी मेमोरी के कार्य (Functions of Secondary Memory):-

  • 1- यह मेमोरी डेटा को स्थाई रूप (permanently)से स्टोर करती है जिस डेटा का इस्तेमाल भविष्य में किया जा सकता है।
  • 2- यह मेमोरी डेटा को restore करने में मदद करती है।
  • 3- यह सीधे (direct) CPU के द्वारा एक्सेस नहीं होती।
  • 4- यह बड़े आकार वाले डेटा को स्टोर करती है।
  • 5- यह डेटा का बैकअप भी ले सकती है।

सेकेंडरी मेमोरी के प्रकार (Types of secondary memory in hindi):

सेकेंडरी मेमोरी का कार्य पर्सनल डेटा, सॉफ्टवेयर डेटा और कंप्यूटर के सभी डेटा को स्टोर करना है, यह डेटा कुछ भी हो सकता है जैसे फोटो, वीडियो, मूवी, गाने, गेम, डॉक्यूमेंट आदि। सेकेंडरी मेमोरी की स्टोरेज क्षमता बहुत अधिक होती है, इसलिए इसमें बहुत सारा डेटा आसानी से स्टोर किया जा सकता है।

Secondary Memory को मुख्य रूप से चार भागों में वर्गीकृत किया जाता है

  1. Magnetic Tape
  2. Magnetic Disk
  3. Optical Disk
  4. Flash Memory

1. Magnetic Tape

Magnetic Tape डाटा को स्टोर करने की सबसे पुरानी तकनीकी में से एक है. चुम्कीय टेप का आविष्कार Sound Record करने के लिए 1928 में Fritz Pfleumer ने किया था जो कि एक जर्मन वैज्ञानिक थे.

चुम्बकीय टेप में डाटा को स्टोर करने के एक पतली प्लास्टिक रिबन का उपयोग किया जाता है जो कि चुम्बकीय ऑक्साइड के द्वारा लेपित होती है. चुम्बकीय टेप का इस्तेमाल आधुनिक समय में भी व्यापक रूप से किया जाता है. अगर आधुनिक चुम्बकीय टेप की  स्टोरेज क्षमता की बात करें तो यह 10 TB तक डाटा स्टोर करने में समर्थ हैं

इसके लिए आपको पहली तीन रिकॉर्डिंग को क्रम में चलाना होगा तब जाके आप चौथी नंबर वाली पर पहुंच पाएंगे। अक्सर ऐसा करने के लिये टैप में लगी रिबन को घुमाया जाता था ताकि पहली तीन रिकॉर्डिंग को फास्ट फॉरवर्ड किया जा सके। कंप्यूटर में उपयोग होने वाली इन Tape Drive का डिज़ाइन आम कैसेट की तरह होता है जिसके दोंनो तरफ Plastic ribbon की रील लगी होती है जिसमें Binary data स्टोर किया जाता था।

2. Magnetic Disk Drive

Magnetic Disk को कंप्यूटर में एक मुख्य Secondary Memory के रूप में उपयोग किया जाता है। इसमें Metal से बनी एक गोलाकार Plate लगी होती है, जिस पर चुम्बकीय पदार्थ की परत चड़ी होती है। इन्हीं डिस्क प्लेट की सतह पर जानकारी स्टोर की जाती है। Magnetic Disk में इस धातु प्लेट जिसे Platter कहते है के अलावा एक Mechanical Arm भी लगा होता है। इसका काम प्लेटर की सतह में से डेटा को प्राप्त (Read) और स्टोर (Write) करना होता है।

इन Memory में Direct Access Method का प्रयोग किया जाता है डेटा को प्राप्त करने के लिये। जिसका अर्थ हुआ कि यूजर इन Secondary Memory में स्टोर किसी भी जानकरी को सीधे एक्सेस कर सकता है। Magnetic Disk के कई सारे उदाहरण है परन्तु जिन्हें मुख्य रूप से Secondary Memory के लिये कंप्यूटर में उपयोग किया जाता है वे इस प्रकार है-

Hard Disk Drive : इसे कंप्यूटर की प्रमुख डेटा स्टोरेज डिवाइस कहा जाता है। क्यूंकि यह सिस्टम में मौजूद एकमात्र Memory Device है जो ऑपरेटिंग सिस्टम, कंप्यूटर एप्लिकेशन और आपकी डेटा फाइलों को लंबे समय तक स्टोर करके रखती है। जिस कारण इसे Permanent Storage Device भी कहते है। Hard Drive कंप्यूटर केस के अंदर मौजूद होती है और डेटा केबल (PATA, SATA, SCSI) के माध्यम से कंप्यूटर में सिस्टम बोर्ड से कनेक्टेड होती है। आमतौर पर इनकी स्टोरेज कैपेसिटी बहुत अधिक होती है।

Floppy Disk : यह एक Removable Magnetic Disc होती है। जिसका उपयोग 1990 के दशक तक कम्प्यूटरों में मुख्य स्टोरेज डिवाइस के रूप में किया जाता था। हालांकि इसके बाद Optical Drives और Hard Disk ने धीरे-धीरे इसकी जगह लेनी शुरू कर दी। इसे Floppy Diskette भी कहा जाता है। यह एक लचीली Magnetic Disk की बनी होती है जिसे एक वर्ग के आकार के प्लास्टिक केस में फिट किया गया होता है।

अगर Floppy Disk में से जानकारी को Read/Write करना है तो उसके लिये आपके कंप्यूटर सिस्टम में एक Floppy Disk Drive (FDD) लगा होना चाहिये। यही कारण है कि आधुनिक कंप्यूटर में जानकारी स्टोर करने के लिये इनका उपयोग बिल्कुल बंद हो गया है। हालांकि एक कारण और है, कि Floppy Disk बहुत ही कम मात्रा में डेटा स्टोर कर सकती है। एक सामान्य 3.5 इंच डिस्क में मात्र 1.44 MB डेटा ही स्टोर किया जा सकता है।

3. Optical Disc

Optical Disc भी एक स्टोरेज माध्यम है, जिसका उपयोग हम कंप्यूटरों में अतिरिक्त Secondary Memory के रूप में करते है। इन Disc का उपयोग आमतौर पर म्यूजिक, वीडियो और सॉफ्टवेयर प्रोग्राम को स्टोर करने के लिये किया जाता है। इनमें डिजिटल डेटा को रिकॉर्ड और पुनःप्राप्त करने के लिये Laser Beam का उपयोग होता है। हालांकि यह Hard Disk के जितना डेटा स्टोर नही कर सकती परन्तु Floppy Disk के मुकाबले इनकी स्टोरेज कैपेसिटी बहुत अधिक होती है।

Optical Disc उपयोग

अधिकतर उपयोग होने वाली कुछ प्रमुख Optical Disc इस प्रकार है

Compact Disc (CD) : यह प्लास्टिक से बनी एक गोलाकार disc होती है, जो Optically डेटा को स्टोर करती है। अर्थात इसमें जानकारी को स्टोर और पुनःप्राप्त करने के लिये Light का उपयोग किया जाता है। CDs का उपयोग ऑडियो, वीडियो और एप्लीकेशन को स्टोर करने के लिये होता है। यह Removable होती है, यानी इसे सिस्टम में डाला और हटाया जा सकता है। एक CD में यूजर 700MB तक डेटा रख सकता है।

Digital Versatile Disc (DVD) : आमतौर पर इसे Digital Video Disc भी कहा जाता है। यह CD के समान ही होती है। हालांकि इनमें बड़ी मात्रा में डेटा स्टोर किया जा सकता है। इन Disc की स्टोरेज क्षमता 4.7 GB से 8.5 GB तक होती है। मुख्य रूप से High-Definition (HD) वाले वीडियो या मूवीज स्टोर करने के लिये उपयोग होती है।

Blue-ray Disc : यह भी एक प्रकार की Optical Disc है जो आकार में CD और DVD के समान ही होती है। परन्तु इसमे इन दोनों से कई गुना अधिक डेटा स्टोर किया जा सकता है। एक Blue-ray Disc लगभग 25 GB डेटा को रख सकती है। इनमें मुख्य रूप से High-Definition की वीडियो या मूवीज स्टोर की जाती है। चूंकि डेटा को Read करने के लिए Blue Laser का उपयोग होता है, जिस कारण इसे Blu-ray कहा जाता है।

4. Flash Memory

जितने भी USB डिवाइस का इस्तेमाल डाटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है वह सभी फ़्लैश मेमोरी के अंतर्गत आती है. फ़्लैश मेमोरी आकार में छोटी होती है लेकिन इनमें डाटा स्टोर करने की क्षमता बहुत अधिक होती है. फ़्लैश मेमोरी में लंबे समय तक डाटा को स्टोर किया जा सकता है. यह मेमोरी जल्दी खराब भी नहीं होती है. वर्तमान समय में डाटा को स्टोर करने के लिए फ़्लैश मेमोरी का इस्तेमाल व्यापक रूप से किया जाता है.

सेकेंडरी मेमोरी के अंतर्गत फ़्लैश मेमोरी के उदाहरण (Example) मेमोरी कार्ड, पैन ड्राइव, SSD आदि हैं

4. विभिन्न प्रकार के सेकंडरी मेमोरी स्टोरेज डिवाइस (Different Types of Secondary Storage):-

  1. Hard Disk 
  2. Solid-state Drive
  3. Pen Drive
  4. Blu Ray Disk
  5. SD Card
  6. CD Drive
  7. DVD Drive
  8. Memory Card

1. Hard Disk

यह एक कठोर Magnetic Disc है जिसका उपयोग डेटा और प्रोग्राम को स्टोर करने के लिए किया जाता है। यह डेटा को स्थायी रूप से कंप्यूटर में स्टोर करता है और एक ड्राइव यूनिट के भीतर स्थित होता है।

Hard Disk को Hard Drive के रूप में भी जाना जाता है। 

यह एक non-volatile storage device है। जिसमे एक या एक से अधिक प्लेटर्स होते हैं जो एयर-सील आवरण में पैक होते हैं। 

हार्ड डिस्क गोलाकार डिस्क की एक श्रृंखला से बना है, जिसे platters कहा जाता है, जो एक स्पिंडल के चारों ओर लगभग  ½ इंच से अधिक व्यवस्थित होता है।

हार्ड डिस्क एल्यूमीनियम मिश्र धातु जैसे non-magnetic material से बने होते हैं और 10-20 nm चुंबकीय सामग्री के साथ लेपित होते हैं।

इन डिस्क का Standard diameter 14 इंच है | 

magnetic coating को magnetizing या demagnetizing करके डेटा स्टोर किया जाता है। 

कंप्यूटर की हार्ड ड्राइव पर संग्रहीत डेटा में आम तौर पर ऑपरेटिंग सिस्टम, इंस्टॉल किए गए सॉफ़्टवेयर और user की फाइलें और प्रोग्राम्स शामिल होते हैं, जिसमें चित्र, संगीत, वीडियो, पाठ दस्तावेज़ आदि होते हैं।

एक Magnetic Reader ARM का उपयोग डेटा को पढ़ने और डिस्क पर डेटा लिखने के लिए किया जाता है। एक सामान्य आधुनिक HDD में terabytes (TB) की क्षमता होती है।

हार्ड ड्राइव के मुख्य components में एक हेड एक्ट्यूएटर, रीड / राइट एक्ट्यूएटर आर्म, रीड / राइट हेड, प्लेटर और स्पिंडल शामिल हैं। 

एक सर्किट बोर्ड, जिसे disk controller या  interface board कहा जाता है, हार्ड ड्राइव के पीछे मौजूद होता है। यह हार्ड ड्राइव को कंप्यूटर के साथ communicate करने की अनुमति देता है।

2. Solid-state Drive

SSD (Solid State Drive) भी HDD की तरह ही एक non-volatile storage डिवाइस है जिसका उपयोग कंप्यूटर में डेटा और इनफार्मेशन को स्टोर करने के लिए किया जाता है | SSD (Solid State Drive) के अंदर कोई मूविंग पार्ट्स नहीं होते जैसे की हार्ड डिस्क में होते थे | 

SSD (Solid State Drive) में मूविंग पार्ट्स न होने के कारण इससे डेटा को आसानी से एक्सेस किया जा सकता है, जिससे पावर और समय की भी बचत होती है | 

SSD (Solid State Drive) की बात करे तो यह HDD से थोड़ा महंगा होता है मगर जैसे-जैसे SSD की लागत कम हुई है, यह डेस्कटॉप और लैपटॉप कंप्यूटरों में हार्ड डिस्क की जगह उपयोग किया जाने लगा है ।

यह नोटबुक, लैपटॉप के लिए उपयुक्त है, जिनमे बहुत ज्यादा स्टोरेज की आवश्यकता नहीं होती।

3. Pen Drive

Pen drive एक पोर्टेबल सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस है जिसे USB flash drive, thumb drive और jump drive के रूप में भी जाना जाता है | 

Pen drive को usb पोर्ट के माध्यम से कंप्यूटर के साथ कनेक्ट किया जाता है | इसका उपयोग computers के बीच डेटा ट्रांसफर के लिए किया जाता है | 

Pen drive में किसी भी प्रकार के मूवेबल पार्ट नहीं होता इसमें एक integrated circuit की बनी एक चिप होती है जो डेटा को स्टोर करके रखता है | यह Chip एक Plastic या Aluminium casing के अंदर रखी जाती है। 

पेन ड्राइव की डेटा स्टोरेज क्षमता आम तौर पर 2 जीबी से 128 जीबी तक होती है। इसके अलावा, यह एक plug and play device डिवाइस है क्योंकि इसे इस्तेमाल करने के लिए आपको कोई अलग से ड्राइव, सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर की जरूरत नहीं है।

4. Blu Ray Disk

ब्लू रे डिस्क (BD) एक optical storage मीडिया है जिसका उपयोग high definition (HD) वीडियो और अन्य मल्टीमीडिया फाइल को स्टोर करने के लिए किया जाता है। 

CD/ DVD की तुलना में BD (Blu Ray Disk) कम तरंग दैर्ध्य लेजर का उपयोग करता है। BDs 128GB डेटा तक स्टोर कर सकता है।

5. SD Card

SD Card जिसे Secure Digital Card के नाम से जाना जाता है एक पोर्टेबल स्टोरेज डिवाइस है जो ज्यादातर स्मार्टफोन और डिजिटल कैमरा में उपयोग किया जाता है | 

आप जब चाहे इसे अपने स्मार्टफोन से हटा सकते है और कंप्यूटर से कनेक्ट करके इसके अंदर स्टोर Data को भी कार्ड रीडर की मदद से देख सकते है | 

SD Card में हार्ड डिस्क की तरह कोई मूविंग पार्ट नहीं होता | इसके अंदर कई सारे चिप होते है जो डेटा को स्टोर करने का कार्य करते है | 

मार्किट में कई सारे SD Card मौजूद है जिनकी स्टोरेज क्षमता अलग अलग होती है जैसे – standard SD cards, mini SD cards, and micro SD cards. | 

6. CD Drive

CD (Compact Disk) एक पोर्टेबल सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस है। जो गोलाकार होता है |  यह पॉली कार्बोनेट प्लास्टिक से बना है।

सीडी की अवधारणा को 1982 में फिलिप्स और सोनी द्वारा साथ में मिलकर विकसित किया गया था।

Germany में फिलिप्स की workshop में पहली CD (Compact Disk) 17 अगस्त 1982 को बनाई गई थी।

शुरुआत में, इसका उपयोग साउंड रिकॉर्डिंग को स्टोर करने और चलाने के लिए किया गया था, बाद में इसका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाने लगा जैसे कि Documents, Audio Files, वीडियो, और सॉफ्टवेयर प्रोग्राम जैसे अन्य डेटा को सीडी में स्टोर करने के लिए।

7. DVD Drive

DVD का पूरा नाम Digital Video Disk या Digital Versatile Disk होता है। डीवीडी एक optical disk तकनीक है जिसका प्रयोग बहुत बड़ी मात्रा के data को store करने के लिए किया जाता है।

डीवीडी की storage capacity (क्षमता) 4.7 GB से लेकर 17.08 GB तक होती है। डीवीडी का weight (वजन) 16 g(ग्राम) तक होता है। इसका ज्यादातर प्रयोग movies को स्टोर करने के लिए किया जाता है।

आजकल भी DVD का प्रयोग किया जाता है परन्तु आजकल Youtube, Hotstar, और amazon prime आदि online चीजों का प्रयोग ज्यादा किया जाता है जिसके कारण इसका इस्तेमाल बहुत कम लोग ही करते हैं

8. Memory Card

  • मेमोरी कार्ड एक स्टोरेज डिवाइस होता है जिसका इस्तेमाल डाटा और मल्टी मीडिया को स्टोर करने के लिए किया जाता है.
  • इसका इस्तेमाल ज्यादातर मोबाइल फोन में गाने, वीडियो, और फोटो को स्टोर करने के लिए किया जाता है।
  • मेमोरी कार्ड को फ्लैश कार्ड भी कहते है। एक मेमोरी कार्ड 64GB तक डेटा को स्टोर कर सकती हैं।

सेकेंडरी मेमोरी की विशेषताएं (Feature of Secondary Memory):-

सेकेंडरी मेमोरी की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं –

  • सेकेंडरी मेमोरी एक Non – Volatile Memory है.
  • सेकेंडरी मेमोरी की स्टोरेज क्षमता बहुत अधिक होती है.
  • सेकेंडरी मेमोरी कंप्यूटर की Permanent Memory होती है.
  • बिना सेकेंडरी मेमोरी के भी कंप्यूटर कार्य कर सकता है.

Secondary memory के फ़ायदे (benifits of secondary memory):-

  • यह सभी प्रकार का डाटा स्टोर कर सकता है।
  • किसी भी प्रकार के डाटा को परमानेंट स्टोर करके रखा जा सकता हैं।
  • प्राइमरी मेमोरी के मुकाबले सेकेंडरी मेमोरी की कीमत कम होती है।
  • इसका उपयोग करना आसान है।
  • इसकी मदद से एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में डाटा ट्रांसफर कर सकते हैं

सेकेंडरी मेमोरी के नुकसान (Disadvantage of Secondary Memory):-

  • सेकेंडरी मेमोरी के एक ओर कई सारे फायदे होते हैं तो वहीँ दूसरी ओर इसके कुछ नुकसान भी हैं
  • प्राइमरी मेमोरी की तुलना में सेकेंडरी मेमोरी की स्पीड कम होती है.
  • खराब हो जाने पर सेकेंडरी मेमोरी में डाटा रिकवर कर पाना बहुत मुश्किल है

Price list of secondary memory:-

  • Hdd 1Tb – Rs.3000
  • CD drive 4Gb – Rs.100
  • Dvd 8Gb – Rs.150
  • pendrive 32Gb – Rs.400
  • Blue-ray disc 12gb – Rs.250
  • ssd 1Tb – Rs.10,000
  • memory card 128Gb – Rs.1000

आशा है आपने secondary memory की पोस्ट पूरी जरूर पढ़ी होगी पोस्ट पसंद आई हो तो दोस्तो के साथ शेयर जरूर करें।

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