Electronic के महत्वपूर्ण Components

हैलो दोस्तों आज हम इलेक्ट्रॉनिक के basic components के बारे में पढ़ने वाले है

तो अगर आप इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के विद्यार्थी हैं या फिर इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग से संबंधित जानकारी लेना चाहते हैं या इलेक्ट्रॉनिक के नए सर्किट बनाना चाहते हैं तो आप को सबसे पहले इलेक्ट्रॉनिक के बेसिक कॉन्पोनेंट और Equipment की जानकारी होना बहुत जरूरी है। क्योंकि आपको सर्किट बनाने के लिए बेसिक कंपोनेंट की जानकारी होता बहुत जरूरी है।

Electronic circuit बनाने के लिए बहुत सारे component की जरूरत पड़ती है और यह सर्किट के ऊपर निर्भर करता है कि उसमें कितने तरह के कंपोनेंट लगेंगे। जैसे कि रजिस्टर, कैपेसिटर, LED, ट्रांजिस्टर, डायोड, इत्यादि और उसमे कुछ equipment भी होते हैं जैसे की पावर सप्लाई, सिग्नल जनरेटर, मल्टीमीटर इत्यादि। तो आप इस पोस्ट में आपको इलेक्ट्रॉनिक के Basic Electronic Components और Equipment के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी तो आप पोस्ट को पूरा जरूर पढ़े।

Electronic के महत्वपूर्ण Components के नाम

इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट को दो भागों में बांटा गया हैं।

Active Electronic Components

  • Passive Electronic Components
  • Electromechanical Components

लेकिन हम यहां पर आपको एक एक करके सभी कंपोनेंट को अलग अलग बताएंगे ताकि आपको हर एक कॉन्पोनेंट की जानकारी हो सके और उसके बारे में आप ज्यादा अच्छे से जान सके।

Integrated Circuit

Integrated Circuit एक सिंगल डिवाइस या chip है जो कि semiconductor material से बनी होती है। और ज्यादातर इसके लिए सिलिकॉन का इस्तेमाल किया जाता है। इस Integrated Circuit (IC) का इस्तेमाल लगभग सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में किया जाता है जैसे कि टीवी, रेडियो, मोबाइल, फोन, लैपटॉप, राउटर मॉडम इत्यादि। 

Integrated Circuit दो प्रकार के होते हैं 

1.Digital Integrated Circuits

2. Analog Integrated Circuits

Microcontroller

आधुनिक शब्दावली मैं माइक्रोकंट्रोलर एक छोटा सा कंप्यूटर है जो कि एक इंटीग्रेटेड सर्किट से बनाया जाता है. माइक्रोकंट्रोलर मे हमें RAM, CPU, Input / Output इत्यादि देखने को मिलते हैं। यह एक programmable कॉन्पोनेंट है जिसे एक छोटे कंप्यूटर के रूप में बहुत सारे इलेक्ट्रॉनिक के उपकरण में इस्तेमाल किया जा सकता है।

Resistors

प्रतिरोधक (Resistor) एक इलेक्ट्रिकल कॉन्पोनेंट होता है जैसे कि दूसरे डायोड, कैपेसिटर इत्यादि होते हैं. और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में प्रतिरोधक का इस्तेमाल करंट के बहाव को रोकने के लिए या उसे कम करने के लिए किया जाता है. रजिस्टर कई प्रकार के होते हैं इनके काम करने के आधार पर इन को अलग-अलग श्रेणियों में रखा जाता है।

यह 2 प्रकार की होते हैं:- 

Fixed Resistor

Variable Resistor

Diodes

डायोड एक non-linear सेमीकंडक्टर डिवाइस है क्योंकि करंट को सिर्फ एक दिशा में जाने देती है. डायोड के दो टर्मिनल होते हैं जिंहें एनोड और कैथोड कहा जाता है. नीचे आपको इसका इलेक्ट्रिक सिंबल दिया गया है.

एक सामान्य PN Diodes को AC सप्लाई को DC मे बदलने वाले सर्किट में इस्तेमाल किया जाता है. और आपने LED लाइट एमिटिंग डायोड के बारे में तो जरुर सुना होगा. जो कि एक सेमीकंडक्टर डिवाइस है और एक्टिवेट होने के बाद में लाइट छोड़ती है.

Zener Diode

 जेनर डायोड वैसे तो एक साधारण डायोड की तरह है लेकिन यह वोल्टेज स्टेबलाइजर का काम करती है और डायोड के और भी कुछ प्रकार हैं जिनके बारे में आपको हमारी एक और पोस्ट में देखने को मिलेगा जिसका लिंक के नीचे है.

Capacitors

कैपिसिटर एक इलेक्ट्रॉनिक कॉन्पोनेंट है जो कि लगभग सभी सर्किट में इसका इस्तेमाल किया जाता है जैसे कि हर रेडियो टेलीविज़न इत्यादि।

Capacitors में इलेक्ट्रिक चार्ज स्टोर हो जाता है।

कैपेसिटर दो कंडक्टर सामान्यतः दो प्लेटों से बना होता है. और इन दोनों प्लेटों के बीच में डाई इलेक्ट्रिक मटीरियल लगाया जाता है जिससे यह अलग हो जाते हैं.जब कैपेसिटर को किसी पावर सोर्स के साथ में जोड़ दिया जाता है तो यह इलेक्ट्रिक चार्ज को स्टोर कर लेता है. और इसके अंदर लगी दोनों प्लेट यह चार्ज स्टोर करने का काम करती है जिसमें से एक प्लेट पर पॉजिटिव चार्ज होता है और दूसरी पर नेगेटिव चार्ज होता है.इसके बारे में ज्यादा जानकारी हमारे एक और पोस्ट में दी गई है जिसका लिंक नीचे दिया गया है.

1 वोल्ट के वोल्टेज पर कैपेसिटर के अंदर चार्ज होने वाले इलेक्ट्रिक चार्ज की Amount को Capacitance कहते हैं. कैपेसिटेंस को मापने की इकाई Farad (F) है.कैपेसिटर के अंदर लगी प्लेट की संख्या को बढ़ाकर इसका Capacitance भी बढ़ाया जा सकता है

Capacitor क्या है कैपसिटर के प्रकार

Inductors

जैसे कि कैपेसिटर इलेक्ट्रिक फील्ड को energy के रूप में स्टोर करता है. उसी तरह inductors Magnetic Field को energy के रूप में स्टोर करता है. इंडक्टर एक तार होता है जो कि coil के रूप में बनाया गया होता है. इसका इस्तेमाल AC इक्यूपमेंट जैसे कि filters, chokes, tuned circuits इत्यादि में किया जाता है.

Switches

किसी भी सर्किट को शुरू और बंद या यूं कहें कि ऑन या ऑफ करने के लिए हम स्विच का इस्तेमाल करते हैं. Switches कई प्रकार के होते हैं इनके कार्य के आधार पर इन अलग-अलग श्रेणियों में रखा चाहता है. कुछ स्विच एनालॉग होते हैं और कुछ स्विच डिजिटल होते हैं. आपको घरों में आमतौर पर एक साधारण स्विच देखने को मिलता है.

DC Power Supply

DC Power Supply इलेक्ट्रॉनिक के सर्किट के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है. ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स और सर्किट डीसी पावर सप्लाई से चलते हैं इसीलिए डीसी पावर सप्लाई का बहुत ज्यादा महत्व होता है. इलेक्ट्रॉनिक के ऐसे बहुत सारे उपकरण है जो कि डीसी सप्लाई देते हैं जैसे की AC – to – DC Power Supplies, Linear Regulators, Switching Mode Power Supply इत्यादि.

इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में डीसी पावर सप्लाई 5V से 12V इस्तेमाल होती है. क्योंकि लगभग सभी कॉन्पोनेंट इसी रेंज के ऊपर काम करते हैं.

Batteries

बैटरी एक ऐसी डिवाइस है जो कि केमिकल ऊर्जा को इलेक्ट्रिकल ऊर्जा में बदल देती है और बैटरी का इस्तेमाल मोबाइल फोन लैपटॉप घड़ी इत्यादि में किया जाता है. इसके अलावा और भी कई टेस्टिंग उपकरण में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. आपने अक्सर घड़ियों में देखा हुआ कि उसके अंदर हम सेल का इस्तेमाल करते हैं जो कि 1.5v सप्लाई देता है और यही सेल हम टीवी के रिमोट में इस्तेमाल करते हैं. जहां पर हम दो Cell लगा कर 3v की सप्लाई हमारे टीवी के रिमोट को देते हैं.

बैटरियों को इनके वोल्टेज के आधार पर अलग अलग श्रेणियों में बांटा गया है जैसा कि आप ऊपर फोटो में देख सकते हैं यहां पर हमने तीन प्रकार की बैटरी दिखाई है जिसमें से एक 9 वोल्ट की है, एक 1.5 वोल्ट की है और एक 12 वोल्ट की है. इनका इस्तेमाल इनकी वोल्टेज के आधार पर किया जाता है.

Display Devices

इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की बात करें तो बहुत सारे उपकरण में डिस्प्ले का इस्तेमाल किया जाता है और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में मुख्यतः दो प्रकार की डिस्प्ले का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है.

16 x 2 LCD

यह डिस्प्ले आपको कैलकुलेटर जैसी डिवाइस में में देखने को मिलेगी। यह एक alpha – numeric डिस्प्ले है जिसके अंदर दो rows और 16 columns होते हैं और इस डिस्प्ले पर ज्यादा से ज्यादा 32 अक्षर दिखा सकते हैं।

7 – Segment Display

यह डिस्प्ले भी आपको बहुत सारे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में देखने को मिलेगी जैसे की घड़ी, information systems इत्यादि। इस Display का इस्तेमाल वहां पर किया जाता है जहां पर हमें नंबर की जरूरत पड़ती है। या अल्फाबेट की जरूरत पड़ती है।

Multimeter

वोल्टेज करंट और रेजिस्टेंस मापने के लिए पहले Voltmeter, Ammeter और Ohmmeter का इस्तेमाल किया जाता था लेकिन उसके बाद में इसे एक बनाकर इसका नाम मल्टीमीटर रख दिया गया और इसके अंदर आप वोल्टेज, करंट, रेजिस्टेंस, बड़ी आसानी से माप सकते हैं। लेकिन आजकल और भी एडवांस मल्टीमीटर आ गए हैं जिनके अंदर आप ट्रांजिस्टर को भी चेक कर सकते हैं।

मल्टीमीटर AC और DC दोनों सप्लाई को माप सकता है।

Multimeter के प्रकार

मल्टीमीटर दो प्रकार के होते हैं

  • Digital Multimeter
  • Analog Multimeter

डिजिटल और एनालॉग दो मल्टीमीटर होते है लेकिन डिजिटल मल्टीमीटर का इस्तेमाल बहुत ज्यादा किया जाता है क्योंकि डिजिटल मल्टीमीटर किसी भी कॉन्पोनेंट को बहुत अच्छे से माप सकता है।

आशा है आपको Electronic के महत्वपूर्ण Components के बारे में समझ आ गया होता पोस्ट पसंद आई हो तो अपने दोस्तो के साथ भी शेयर करे ।

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डायोड क्या है

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