Data Processing क्या है और प्रकार

हैलो दोस्तों आज की पोस्ट में हम डाटा प्रोसेसिंग के बारे मे पढेगे। की डाटा प्रोसेसिंग होता क्या है

डाटा प्रोसेसिंग दो शब्दो का मेल है, डाटा यानि तथ्यों का एक संग्रह, जैसे संख्या या शब्द इत्यादि यानि Raw Facts और Figures जिसे प्रोसेसिंग की आवश्यकता है, और प्रोसेसिंग का अर्थ IT में उस प्रक्रिया से है, जिसे किसी खास परिणाम को प्राप्त करने के लिए शुरू किया गया हो।

आज के टेक्नोलॉजी युग में डाटा का काफी बड़ा महत्व है, जिसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं, की आज हर क्षेत्र की ढेरों छोटी-बड़ी कंपनियाँ डाटा के आधार पर ही अपने भविष्य की रणनीतियाँ तैय करती हैं, लेकिन क्या आपको जानकारी है, की वह इसके लिए डाटा प्रोसेसिंग का उपयोग करती हैं, तो चलिए जानते हैं, डाटा प्रोसेसिंग क्या है, 

1. डेटा प्रोसेसिंग क्या है? (What is Data Processing In Hindi)

2. डेटा प्रोसेसिंग कैसे काम करता है? (How Data Processing Works In Hindi)

3. Data Processing Meaning in Hindi

4. डेटा प्रोसेसिंग के प्रकार (Types of Data Processing In Hindi)

5. डेटा प्रोसेसिंग चक्र/चरण (Stages Of Data Processing)

6. इलेक्ट्रॉनिक डाटा प्रोसेसिंग के लाभ (Advantages of Electronic Data Processing in Hindi))

7. इलेक्ट्रॉनिक डाटा प्रोसेसिंग की हानि (Disadvantage of Electronic Data Processing in Hindi)

डाटा प्रोसेसिंग क्या है। (Data Processing In Hindi)

डाटा प्रोसेसिंग वह प्रक्रिया है जिसमे कंप्यूटर की मदद से Raw Data की जाँच की जाती है, ताकि उस Raw Data में से अपने काम की जानकारियों को निकाला जा सके। डाटा प्रोसेसिंग की इस प्रक्रिया में Raw Data को कई चरणों से गुजरना होता है, जिसमे डाटा को कई बार जोड़ा-तोड़ा भी जाता है, यानि हर कोण से इस रॉ डाटा की जाँच की जाती है, ताकि इच्छित परिणाम की प्राप्ति की जा सके। 

आम तोर पर डाटा प्रोसेसिंग प्रकिया को डाटा साइंटिस्ट द्वारा Execute किया जाता है, क्योंकि इस प्रक्रिया में यदि त्रुटियों होती हैं, तो उसका सीधा असर आने वाले परिणाम पर पड़ता है, और फिर प्रोडक्ट पर या कंपनी की रणनीतियों पर।

डेटा प्रोसेसिंग कैसे काम करता है? (How Data Processing Works In Hindi)

प्राचीन समय में जब कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता था, तो उस समय के कंप्यूटर काफी स्लो हुआ करते थे, और इसके पीछे का मुख्य कारण डेटा प्रोसेसिंग ही होता था। 

उस समय डेटा प्रोसेसिंग करने के लिए काफी ज्यादा समय लगता था, किसी भी एक हार्डडिक्स से कोई डेटा को निकालने के लिए काफी समय लगता था तथा कई बार काफी गलतियां भी हो जाती थी। 

कई बार गलत डेटा प्राप्त हो जाता था, तो ऐसे में पहले के समय में डेटा प्रोसेसिंग की प्रक्रिया में काफी ज्यादा समय लगता था, और इसी के चलते उस जमाने में कंप्यूटर में काफी स्लो हुआ करते थे।

आज के समय यह डेटा प्रोसेसिंग की प्रक्रिया काफी ज्यादा फास्ट हो गई है। डेटा प्रोसेसिंग के लिए आजकल कई एडवांस टेक्नोलॉजी के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाने लगा है, जो डेटा प्रोसेसिंग को कुछ ही सेकंड के अंतर्गत कर देते हैं। 

आपने अपने कंप्यूटर के अंतर्गत एक्शन नोटिस किया होगा कि जब आप किसी भी प्रोग्राम को ओपन करते हैं, तो वह तुरंत ही ओपन हो जाता है, वह बिल्कुल भी समय नहीं लेता है, तो इसके पीछे का काफी बड़ा कारण यह होता है कि आज के समय डेटा प्रोसेसिंग के लिए काफी ज्यादा एडवांस टेक्नोलॉजी के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है।

Data Processing के लिए या फिर Raw Data को प्रोसेस करने के लिए अब मुख्य रूप से डाटा प्रोसेसिंग टूल्स का इस्तेमाल किया जाता है। इन टूल्स की सूची में Hadoop, HPCC, Strom, Cassandra जैसे टूल्स का नाम आता है।

इन टूल्स के द्वारा आपके कंप्यूटर में डाटा प्रोसेसिंग की प्रक्रिया को काफी ज्यादा फास्ट कर दिया जाता है। जैसे ही आप अपने कंप्यूटर के अंतर्गत कोई कमांड देते हैं, तो तुरंत इन टूल्स को उसके बारे में जानकारी मिल जाती है और इनके द्वारा डेटा को प्रोसेस करके कंप्यूटर तक पहुंचा दिया जाता है।

Meaning of Data Processing

डाटा प्रोसेसिंग का Meaning होता है कि डाटा का विश्लेषण कर उसका अच्छी तरीके से किसी भी तरह से यूज कर सकें, किसी भी डाटा का प्रोसेसिंग ऑटोमेटिक या मैनुअली किसी भी कंप्यूटर डिवाइस के द्वारा किया जा सकता है। क्योकि 

इस Dat Process का आउटपुट अलग अलग हो सकता है। जैसे की Image , Text , Chart , Graph , Table , Audio , Video आदि।

डेटा प्रोसेसिंग के प्रकार (Types of Data Processing in Hindi)

डेटा के स्रोत और आउटपुट उत्पन्न करने के लिए प्रोसेसिंग यूनिट द्वारा उठाए गए कदमों के आधार पर डेटा प्रोसेसिंग के विभिन्न प्रकार होते हैं।

  • बैच प्रोसेसिंग
  • रीयल-टाइम प्रोसेसिंग
  • ऑनलाइन प्रोसेसिंग
  • मल्टी प्रोसेसिंग
  • टाइम शेयरिंग

बैच प्रोसेसिंग (Batch Processing)

बैच प्रोसेसिंग (Batch Processing) प्रोग्रामों को कंप्यूटर में चलाने की सबसे प्राचीन विधि है। यह प्रोसेसिंग आज भी कई डाटा प्रोसेसिंग के केन्द्रों (Centres) पर कंप्यूटर से कार्य को संपन्न करवाने में प्रयुक्त की जाती है।

बैच प्रोसेसिंग (Batch Processing) में डाटा एक निश्चित समयावधि में संकलित (Collected) किया जाता है और इस डाटा पर प्रक्रिया बाद में एक बार में होती है, जैसे एक बैंक में जमा राशि, राशि की निकासी, ऋण (Loan) लेन-देन आदि को तत्काल कंप्यूटर में इनपुट कर दिया जाता है। बाद में दिन भर की सभी प्रविष्टियां (Entries) की प्रोसेसिंग कर रकम (Amount) की गणना की जाती है।

यह कार्य बैच प्रोसेसिंग कहलाता है। इस प्रकार बैच प्रोसेसिंग में प्रोसेसिंग के लिए आवश्यक डाटा का संकलन लेन-देन के समय कर लिया जाता है, बाद में सभी लेन-देनों की एक साथ गणना या प्रोसेसिंग एक बार में की जाती है।

बैच प्रोसेसिंग (Batch Processing) में एक प्रकार में एक प्रोग्राम ही कंप्यूटर की केंद्रीय मेमोरी (Central Memory) में रह सकता है, जिससे यह एक प्रक्रिया प्रणाली (Single Processing System) के रूप में काम आती है अर्थात् एक बार में एक यूजर का ही कार्य संपन्न होता है।

डेटा प्रोसेसिंग चक्र/चरण (Stages Of Data Processing)

डाटा प्रोसेसिंग के चरण निम्नलिखित 6 चरण है।

  1. संकलन (Collection)
  2. तैयारी (Preparation)
  3. इनपुट (Input)
  4. आउटपुट (Output)
  5. प्रोसेसिंग (Processing)
  6. स्टोरेज (Storage)

1. संकलन (Collection)

डाटा प्रोसेसिंग की पूरी प्रक्रिया में सबसे पहला और महत्वपूर्ण स्टेप डाटा संग्रहण (Data Collection) का है, क्योंकि इखट्टा किए गए डाटा की गुणवत्ता पर ही प्रोसेसिंग का परिणाम निर्भर करता है। इस स्टेप में विभिन्न श्रोतों से डाटा इखट्टा किया जाता है, थता यह सुनिश्चित किया जाता है की यह डाटा सही और विश्वसनीय हो। डेटा को एकत्र करना प्रोसेसिंग प्रक्रिया का सबसे पहला चरण है। डेटा को एकत्र करते समय यह ध्यान रखा जाता है की डेटा विश्वसनीय श्रोत से एकत्र किया जाए। यदि डेटा आश्वासनीय श्रोत से लिया जाएगा तो उससे प्राप्त जानकारी अथवा परिणाम भी गलत प्राप्त होंगे।

2. तैयारी (Preparation)

एक बार जब डाटा कलेक्ट कर दिया जाता है, तो बारी आती है इसे तैयार करने की। इसमें इखट्टा किये गए डाटा को साफ किया जाता है थता व्यवस्थित किया जाता है, यानि डाटा में से हर प्रकार की Error जैसे अधूरा डाटा या गलत डाटा इत्यादि को हटा दिया जाता है और डाटा अगले स्टेप के लिए तैयार हो जाता है।

3. इनपुट (Input)

इस प्रक्रिया में फ़िल्टर किए गए डाटा को मशीनी भाषा में बदला जाता है, यानि इस डाटा को प्रोसेसिंग प्रोग्राम के अनुसार तैयार किया जाता है, ताकि यह प्रोसेसिंग के लिए तैयार हो जाए। 

4. आउटपुट (Output)

डेटा को अंततः यूजर को समझने योग्य रूप में प्रदर्शित किया जाता है जैसे कि ग्राफ, टेबल, वेक्टर फाइलें, ऑडियो, वीडियो, दस्तावेज, आदि। इस आउटपुट को अगले डेटा प्रोसेसिंग चक्र में संग्रहीत और आगे संसाधित किया जा सकता है  

5. प्रोसेसिंग (Processing)

इस स्टेप में प्रोसेसिंग प्लेटफार्म द्वारा इनपुट डाटा की काट-छांट की जाती है, और डाटा को अर्थपूर्ण जानकारी के रूप में तैयार किया जाता है। डाटा की प्रोसेसिंग उसकी जटिलता, प्रोसेसिंग प्लेटफार्म की क्षमता और डाटा की मात्रा पर निर्भर करती है। 

6. स्टोरेज (Storage)

यह डाटा प्रोसेसिंग चक्र का अंतिम पड़ाव है, जहाँ प्रोसेस किए गए डाटा थता मेटा डाटा को भविष्य के इस्तेमाल के लिए स्टोर कर दिया जाता है। हालाँकि इसमें से कुछ डाटा का उपयोग तुरंत भी किया जा सकता है पर Processed डाटा की अधिक मात्रा को आगे के उपयोग के लिए स्टोर कर दिया जाता है। 

इलेक्ट्रॉनिक डाटा प्रोसेसिंग के लाभ (Advantages of Electronic Data Processing in hindi)

इलेक्ट्रॉनिक डाटा प्रोसेसिंग में कंप्यूटर के सभी गुण समाहित होते हैं जो कंप्यूटर को एक दक्ष मशीन बनाते हैं।

सबसे पहले आप किसी भी बड़े से बड़े डेटा को आप बहुत तेज गति के साथ और बड़ी शुद्धता से एक सूचना में परिवर्तित कर सकते हैं।

ऐसा करना आपके लिए लगभग असंभव होगा आप छोटी मोटी गणनाओं को तो बहुत जल्दी ही कैलकुलेट कर सकते हैं लेकिन अगर इन गणनाओं की संख्या 100, 1000 या 10000 हो तो आपके लिए इसे तेजी से कैलकुलेट करना संभव नहीं है।

इलेक्ट्रॉनिक डाटा प्रोसेसिंग से आप बहुत कम लागत में बहुत ज्यादा डाटा को प्रोसेस कर सकते हैं जबकि अगर आप मैनुअल तरीके से मेन पावर के साथ काम करें तो इसमें बहुत सारा खर्चा आएगा।

मैनुअल तरीके से डाटा प्रोसेस करने में बहुत समय बर्बाद होता है लेकिन इलेक्ट्रॉनिक डाटा प्रोसेसिंग में बहुत कम समय लगता है और ज्यादा डाटा प्रोसेस हो जाता है।

इलेक्ट्रॉनिक डाटा प्रोसेसिंग की हानि (Disadvantage of Electronic Data Processing in hindi)

  • अगर आपके मूल डेटा में कुछ कमियां हैं तो आउटपुट भी त्रुटिपूर्ण ही प्राप्त होगा
  • अलग-अलग प्रकार के डाटा के लिए अलग अलग एप्लीकेशंस की आवश्यकता होती है यानी एक ही एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर सभी प्रकार के डाटा को प्रोसेस नहीं कर सकता है।

आशा है आपने Data Processing की पोस्ट पूरी जरूर पढ़ी होगी पोस्ट अच्छी लगी तो अपने दोस्तो साथ भी शेयर करे।

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